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वाद सूची
वाद सूची
आदेश क्रमांक 94/गोपनीय/2021, बिलासपुर दिनांक 25 फरवरी, 2021 ।
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पृष्ठांकन क्रमांक 2779, बिलासपुर दिनांक 25 फरवरी, 2021
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सूचना क्रमांक 2428/एस.सी.डी.एस.ए./2021, बिलासपुर दिनांक 19 फरवरी, 2021 ।
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आदेश क्रमांक 4,5,6,7,8,9 एवं 10 बिलासपुर दिनांक 08 फरवरी, 2021 ।
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आदेश क्रमांक 32/(एम आई एस)/2021, बिलासपुर दिनांक 02 फरवरी, 2021 ।.(अधीनस्थ न्यायालयों के सामान्य कामकाज के संबंध में)
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वर्ष 2021 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों के संबंध में जानकारी ।
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पुन: अधिसूचना क्रमांक 1095/एस एण्ड ए सेल/2021, बिलासपुर दिनांक 25 जनवरी, 2021 ।
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आदेश क्रमांक 33, 36/गोपनीय/2021, बिलासपुर दिनांक 21 जनवरी, 2021 ।
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(जून 2015 तक)
निर्णय (ए एफ आर)
दाखिल निर्देश
स्टेडींग काउंसिल
नियम
नवीनतम ए.एफ.आर.
नियुक्तियां
राज्य का यह कर्तव्य है कि वह विचरण / अपील के निराकरण तक, जब्त किये गए संपत्ति को सुरक्षित रखने हेतु सम्यक तत्परता बरतें |
छत्तीसगढ़ नगरपालिका (वार्डो का विस्तार ) नियम 1994 निदेशात्मक प्रकृति का है
छ.ग. नगर पालिका निगम अधिनियम की धारा 10 के अधीन वार्डो के विस्तार का अवधारण एक विधायी कृत्य है जिसमें सुनवाई का अवसर दिये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है
परक्राम्य लिखत अधिनियम के मामलों में, धारा 138 के अंतर्गत दिए जाने वाला दण्ड, रकम के भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए है और जेल की धमकी केवल चेक राशि की वसूली सुनिश्चित करने हेतु है |
जब अवैध मनःप्रभाव पदार्थ की वाणिज्यिक मात्रा जब्त हुई हो, तब जमानत प्रदान किये जाने में स्वापक औषधि और मनःप्रभाव पदार्थ अधिनियम की धारा 37 में उल्लेखित परिसीमा प्रभावी होगी तथा अभियुक्त जमानत पर छोड़े जाने का हकदार नहीं होगा |
अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(r) के अधीन जब अपराध घर के भीतर जो कि एक लोक स्थान नहीं है अथवा किसी ऐसे स्थान में जो जनता की दृष्टिगोचर में न हो, कारित किया गया हो, अभियुक्त अग्रिम जमानत पर छोड़े जाने का हकदार होगा |
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 26(2)(ख) के अंतर्गत किए गये अपराध हेतु कोई आरोप-पत्र प्रस्तुत नहीं किया जा सकता हैं, इन अपराधों के लिए न्यायनिर्णयन प्राधिकारी द्वारा अधिनियम की धारा 68 के अंतर्गत केवल शास्ति अधिरोपित की जा सकती है |
दाण्डिक न्यायालयों को प्रथम दृष्टया सीधे गैर जमानतीय गिरफ़्तारी वारंट जारी नहीं करना चाहिए, विवेचना अधिकारी को आरोप प्रत्र दाखिल करने के संबंध में आरोपी को सूचित करना चाहिए विशेषतः जब वह जमानत पर हो |
जब किसी आदेश का सिविल परिणाम होता है, तब प्राकृतिक न्याय के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
छत्तीसगढ़ समिति पंजीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 32 के तहत शिकायत पर जांच प्रारंभ करने हेतु, शपथपत्र का होना एक पूर्वनिर्धारित शर्त है।
बैठक में समाधान करने के हेतु समिति का सामान्य निकाय सर्वोच्च निकाय होगा।
एक वैधानिक अपील में, संस्थागत सुनवाई की अवधारणा का पालन नहीं किया जा सकता, अधिकारी/प्राधिकरण जिसने तर्क को सुना है, वही प्रकरण को निर्णित करेगा |
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 56 के अधीन किए गए दण्डनीय अपराध हेतु प्रथम सूचना प्रतिवेदन दर्ज नहीं की जा सकती है।
स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 की धारा 20(ख) के अधीन कारित अपराध में जब्त किए गए वाहन को दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 451/457 के अंतर्गत अंतरिम अभिऱक्षा में दिया जा सकता है।
जमानत देने हेतु शर्त कठोर नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह भारतीय सविंधान के अनुच्छेद-21 के तहत आरोपी के व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का हनन करेगा |
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