छत्तीसगढ़ राज्य जुडिशल एकेडेमी भवन के शिलान्यास समारोह में

छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल श्री शेखर दत्त का उद्बोधन


बिलासपुर: 14 सितम्बर 2013


छत्तीसगढ़ राज्य जुडिशल एकेडेमी भवन के शिलान्यास अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होते हुए मुझे अत्यधिक प्रसन्नता महसूस हो रही है। सबसे पहले मैं देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री ए.के. पटनायक का हार्दिक अभिवादन करता हूं। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की भूमि पर अपनी स्कूली शिक्षा ली और राज्य के मुख्य न्यायाधीश के पद को सुशोभित करते हुए अपनी अमूल्य सेवाएं दी है। राज्य निर्माण के कुछ वर्षों के भीतर ही हमें उच्च न्यायालय के इस भव्य एवं सुंदर भवन रूपी सौगात प्राप्त हुई थी और आज इसी की कड़ी के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य जुडिशल एकेडेमी का भवन का शिलान्यास भी किया जा रहा है। इस सौगात के लिए मैं प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री यतीन्द्र सिंह सहित समस्त न्यायाधीशगणों, अधिवक्तागणों और न्यायिक सेवाओं से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं भी देता हूं।


जनसंख्या की दृष्टि से हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा प्रजातांत्रिक देश है। एक प्रजातंत्र तभी सफल माना जाता है जब देश के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति एक प्रजातंत्र तभी सफल माना जाता है जब देश के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति शासन की प्रक्रियाओं में सहभागी बन सके इसी तरह उसके सभी व्यक्ति न्याय पाने शासन की प्रक्रियाओं में सहभागी बन सके इसी तरह उसके सभी व्यक्ति न्याय पाने में समर्थ हो सकें। न्यायपालिका प्रजातंत्र का महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है, जिसके में समर्थ हो सकें। न्यायपालिका प्रजातंत्र का महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है, जिसके निर्णयों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव देश की शांति, व्यवस्था, विकास तथा निर्णयों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव देश की शांति, व्यवस्था, विकास तथा एकता एवं अखण्डता पर पड़ता है। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि हमारी एकता एवं अखण्डता पर पड़ता है। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि हमारी न्यायिक व्यवस्था ने न्याय, समानता, स्वतंत्रता, भ्रातृत्व, मानवाधिकार की भावना न्यायिक व्यवस्था ने न्याय, समानता, स्वतंत्रता, भ्रातृत्व, मानवाधिकार की भावना सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि जनसामान्य में देश सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि जनसामान्य में देश की न्याय व्यवस्था के प्रति गहरी श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास है और न्याय प्रणाली नेकी न्याय व्यवस्था के प्रति गहरी श्रद्धा, आस्था एवं विश्वास है और न्याय प्रणाली ने आम आदमी के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। प्रजातंत्र को सशक्तआम आदमी के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है। प्रजातंत्र को सशक्त बनाएं रखने के लिए हमें अपनी न्यायिक व्यवस्था को आगे और भी मजबूत बनाए रखने के लिए हमें अपनी न्यायिक व्यवस्था को आगे और भी मजबूत बनाए रखना होगा।

भारतीय संविधान एक जीवंत प्रलेख है, जिसमें देश की जनता की भावनाएं, आशाएं एवं अभिलाषाएं समाहित है। समानता का अधिकार भारतीय संविधान की आशाएं एवं अभिलाषाएं समाहित है। समानता का अधिकार भारतीय संविधान की आत्मा है। संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय की आत्मा है। संविधान की प्रस्तावना में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय की अनुगूंज सुनाई देती है। हमारा संविधान मौलिक अधिकारों की रक्षा तथा राज्य के अनुगूंज सुनाई देती है। हमारा संविधान मौलिक अधिकारों की रक्षा तथा राज्य के नीति निदेशक तत्वों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन उद्देश्यों को पाने नीति निदेशक तत्वों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इन उद्देश्यों को पाने और बनाये रखने में माननीय न्यायपालिका ने अहम योगदान दिया है।


छत्तीसगढ़ जनजातीय बहुल राज्य है। यहां की भाषा, बोली, आचार-विचार, अपराध और न्याय भी अपनी विशेषता लिए हुए हैं। न्यायाधीशों की तत्परता और अपराध और न्याय भी अपनी विशेषता लिए हुए हैं। न्यायाधीशों की तत्परता और संवेदनशीलता उनके हित सुनिश्चित करती है। देश और आम आदमी की बेहतरी संवेदनशीलता उनके हित सुनिश्चित करती है। देश और आम आदमी की बेहतरी के लिए किए गए सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं ईमानदारी के कार्य समाज में के लिए किए गए सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं ईमानदारी के कार्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। विधिक क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन लाने की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। विधिक क्षेत्र में बार-बार इस बात को दोहराया जाता है कि बार-बार इस बात को दोहराया जाता है कि Justice delayed is justice denied |निश्चय ही किसी भी प्रकरण का विलंब से निराकरण न्याय के उद्देश्य को विफल कर देता है। न्यायाधीशों का यह प्रमुख दायित्व हो जाता है कि वे प्रकरण के शीघ्रकर देता है। न्यायाधीशों का यह प्रमुख दायित्व हो जाता है कि वे प्रकरण के शीघ्र निराकरण में आने वाली बाधाओं को चिन्हांकित कर अपने न्यायिक विवेक का प्रयोग निराकरण में आने वाली बाधाओं को चिन्हांकित कर अपने न्यायिक विवेक का प्रयोग करते हुए उसे दूर करें, जिससे हर नागरिक को शीघ्रतापूर्ण न्याय प्राप्त हो सके करते हुए उसे दूर करें, जिससे हर नागरिक को शीघ्रतापूर्ण न्याय प्राप्त हो सके तथा लोगों के कीमती समय की बचत हो सके और उन्हें वित्तीय बोझ से बचाया तथा लोगों के कीमती समय की बचत हो सके और उन्हें वित्तीय बोझ से बचाया जा सके। इस दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य जुडिशल एकेडेमी महत्वपूर्ण भूमिका निभाजा सके। इस दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य जुडिशल एकेडेमी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।


निःसंदेह देश की कानून और व्यवस्था, शांति की स्थापना तथा इसके फलस्वरूप विकास बढ़ाने में न्यायिक सेवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विधिक फलस्वरूप विकास बढ़ाने में न्यायिक सेवाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विधिक व्यवस्था की दक्षता एवं निर्णयों की गुणवत्ता का सीधा असर सीधे देश की आम व्यवस्था की दक्षता एवं निर्णयों की गुणवत्ता का सीधा असर सीधे देश की आम जनता पर पड़ता है। भारत विविध संस्कृतियों से परिपूर्ण देश है, यहां सभी वर्गों की जनता पर पड़ता है। भारत विविध संस्कृतियों से परिपूर्ण देश है, यहां सभी वर्गों की अलग-अलग आशाएं एवं आकांक्षाएं हैं। इसी तरह न्यायपालिका से लोगों कीअलग-अलग आशाएं एवं आकांक्षाएं हैं। इसी तरह न्यायपालिका से लोगों की उम्मीदें एवं आशाएं लगातार बढ़ी हैं। देश की जटिल सामाजिक संरचना, भाषायी उम्मीदें एवं आशाएं लगातार बढ़ी हैं। देश की जटिल सामाजिक संरचना, भाषायी विविधता, आर्थिक एवं सामाजिक विषमता जहां एक ओर न्यायिक व्यवस्था के समक्ष विविधता, आर्थिक एवं सामाजिक विषमता जहां एक ओर न्यायिक व्यवस्था के समक्ष चुनौतियां प्रस्तुत करती हैं, वहीं अदालतों में तेजी से बढ़ रही प्रकरणों की संख्या,चुनौतियां प्रस्तुत करती हैं, वहीं अदालतों में तेजी से बढ़ रही प्रकरणों की संख्या, आधुनिक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का फैलाव, पारदर्शिता तथा सूचना केआधुनिक सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का फैलाव, पारदर्शिता तथा सूचना के अधिकार के प्रति लोगों की बढ़ती ललक ने भी इस बात की आवश्यकता को और बढ़ाया है कि एकेडेमी के माध्यम से हम आज की न्यायिक जरूरतों और इन्हें पूरा बढ़ाया है कि एकेडेमी के माध्यम से हम आज की न्यायिक जरूरतों और इन्हें पूरा करने हेतु न्याय प्रक्रिया से जुड़े लोगों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण दें। प्रशिक्षण करने हेतु न्याय प्रक्रिया से जुड़े लोगों को अधिक से अधिक प्रशिक्षण दें। प्रशिक्षण और अनुसंधान किसी भी संस्था के सुव्यवस्थित संचालन के लिए जरूरी है, क्योंकिऔर अनुसंधान किसी भी संस्था के सुव्यवस्थित संचालन के लिए जरूरी है, क्योंकि इससे दक्षता, कार्य कुशलता और दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव आता है। हमें न्याय इससे दक्षता, कार्य कुशलता और दृष्टिकोण में व्यापक बदलाव आता है। हमें न्याय प्रणाली के सामने आ रही बाधाओं को पहचानने और उन्हें दूर करने की प्रणाली के सामने आ रही बाधाओं को पहचानने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता है। इसी तरह अदालतों के कीमती समय और ऊर्जा की बचत करने आवश्यकता है। इसी तरह अदालतों के कीमती समय और ऊर्जा की बचत करने की भी आवश्यकता है। मध्यस्थता, सुलह, लोक अदालत जैसे वैकल्पिक विवाद की भी आवश्यकता है। मध्यस्थता, सुलह, लोक अदालत जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान, फास्ट ट्रैक न्यायालय भी लंबित मामलों को कम करने के लिए प्रभावकारी समाधान, फास्ट ट्रैक न्यायालय भी लंबित मामलों को कम करने के लिए प्रभावकारी साबित हो रहेे हैं, जिन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। वर्तमान समय में बढ़ते साबित हो रहेे हैं, जिन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। वर्तमान समय में बढ़ते व्यापार एवं वाणिज्य, वैश्वीकरण के कारण बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संबंध, साइबर क्राइम व्यापार एवं वाणिज्य, वैश्वीकरण के कारण बढ़ते अंतरराष्ट्रीय संबंध, साइबर क्राइम से भी अपराध की प्रकृति में बदलाव आया है। छोटी सी लगने वाली समस्याएं भीसे भी अपराध की प्रकृति में बदलाव आया है। छोटी सी लगने वाली समस्याएं भी प्रभावित या पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं। मुझे विश्वास हैप्रभावित या पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती हैं। मुझे विश्वास है कि यह एकेडेमी भवन देश की न्यायिक प्रणाली को सजग, सतर्कता और निष्पक्ष कि यह एकेडेमी भवन देश की न्यायिक प्रणाली को सजग, सतर्कता और निष्पक्ष बनाये रखने में अहम योगदान देगा और प्रकाश स्तंभ की भांति हमारे पथ को बनाये रखने में अहम योगदान देगा और प्रकाश स्तंभ की भांति हमारे पथ को आलोकित करता रहेगा। मैं आप सभी के अच्छे केरियर, गौरव और सफलता कीआलोकित करता रहेगा। मैं आप सभी के अच्छे केरियर, गौरव और सफलता की कामना करता हूं और आप सभी को एक बार फिर से हार्दिक बधाई एवं कामना करता हूं और आप सभी को एक बार फिर से हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। शुभकामनाएं देता हूं।


धन्यवाद

जय हिन्द